तू बंदे क्या जाने बापू के चमत्कारों को
बापू के चमत्कारों को गुरुवर चमत्कारों को
वो हरे करे सुखों को मेवा बाँटे भूखों को
वो भक्ति का रंग लगाएँ ब्रह्मज्ञान का पान कराए
उस भक्ति को,उस शक्ति को कोई सुलझी आँख पहचाने
तू बंदे क्या जाने...
गर जीवन सागर तरना तूफानों से क्या डरना
गुरुवर की रजा में जीना गुरुवर की रजा में मरना
तू सुमिरन कर और जीवन भर माने जा उसके कहने
तू बंदे क्या जाने...
ये सुख दुःख ऐसे गहने जो हर एक के संग रहने
ये दर्द जुदाईयोँ वाले सह ले जो पड़ गए सहने
बदलेगा समा तू जप ले नाम आएँगे खुद से मिलाने
तू बंदे क्या जाने...
तू जो कर्म कमावै समझे कोई देख न पावै
बापू के नैन हजारों उसे सबकुछ नजर हैं आवै
जो गुरू कहे वो सेवा करें वो भक्त स्वरूप में जागे
बापू के चमत्कारों को
तू बंदे क्या जाने...
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