आकाश गंगा में जब तक सितारे रहे
आकाश गंगा में जब तक सितारे रहे मेरे “गुरुवर” - - -
तुमको मेरी उमर लग जाए
तुम बता दो मुझे ऐसा उपाय
दीर्घायु हो तुम, चिरआयु हो तुम
तेरी सेवा और दर्शन नित पाते रहे - - -
देवा ओ - - -
नहीं सह सकते तुमसे हम दूरी
हमारी दुनियाँ तेरे बिन अधूरी
हमारे स्वामी हो तुम, अंतर्यामी हो तुम
अपनी साँसों में तुमको बसाते रहें - - -
देवा ओ - - -
हमारे सर पे रहे तेरा साया
हमारे संग ही चले तेरी छाया
तुम ही सबकी पूजा, तुमसा ना है दूजा
तेरी भक्ति में खुद को मिटाते रहें - - -
देवा ओ - - -
तेरा साथ कभी ये ना छूटे
तुमसे बन्धन कभी ये ना टूटे
हमारा जीवन हो तुम, हमारी धड़कन हो तुम
अपनी प्रीति को तुझमें बढ़ाते रहें - - - देवा ओ - - -
तू निराला है सारे जहाँ से
तुमसे चलती हमारी ये श्वासें
मन भी तेरा दिया
तन भी तेरा दिया
सब तेरा ही हम तुमको चढ़ाते रहें - - - देवा ओ - - -
क्या करें जाके मन्दिर शिवाले
हमारा सब कुछ तेरे हवाले
हमारी बन्दगी भी तू, हमारी जिन्दगी भी तू
तेरे चरणों में विश्रांति पाते रहें - - - देवा ओ - - -
अर्ज सुन लो प्रभुजी हमारी
हमको क्षण-क्षण जरुरत तुम्हारी
जबसे तुमको पाया
चैन मन को आया
2 comments:
बहुत ही भावुक और सुंदर भजन, बार बार गुनगुनाने के बाद भी दिल भर जाता है और उस दिल मे जीवन दाता पूज्य गुरुवर की मधुर स्मृति छाने लगती है भजन के लेखक और पूज्य सुरेशानंद जी द्वारा गायन सभी साधको के हृदय के भावों को उजागर कर देते हैं दंडवत प्रणाम है ऐसे करुणानिधि सतगुरु बापू जी को और धन्य है ऐसे सतगुरु के के वे शिष्य जिनका तन गुरु सेवा मे और मन गुरु सुमिरन मे हमेशा डूबा रहता है
Laut aao naath..
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