अवतार लिए हैं गुरुवर भक्तों के तारणहारे
सब पे वो कृपा करते मेरे गुरुवर प्यारे
जिसने दर्शन इनका पाया
उसने अपना भाग्य बनाया
इन्हें वन्दन हम सब करते ये सबके पालनहारे
कैसी सरल सुगम है वाणी
सुनकर धन्य हुआ हर प्राणी
और कोई नहीं है इनसा, सारे जग से ये हैं न्यारे
इनकी पाई जिसने प्रसन्नता
उनकी मिट गई लौकिक ममता
दीन दुखी पे करुणा करते, ये तो सबके हैं रखवारे
ये हैं ज्ञान की अखण्ड ज्योति
मुक्ति इनके बिन न होती
इनके बिन सारे जग में, न कोई भव से तारे
इनसे शोभित जग है सारा
ईश ने मानव रुप है धारा
दर्शन करके लगता है जैसे दुख दोष मिटे हैं सारे
विश्व शांति का बिगुल बजाया
जग में भक्ति को फैलाया
मन के विकारों को, गुरुवर की कृपा मारे
कैसी पावन इनकी छवि है
चन्दा तारे ये ही रवि है
इनको पाकर लगता है, भाग्य जागे हमारे
इनकी लीला किस विध गाए
मन बुद्धि यहाँ पर रुक जाए
इनके सम न कोई दूजा ये जग के सर्जन हारे
सबका
मंगल है करते, हम सब हैं इनके सहारे
इनकी
करुणा मय मूरत, सबकी आँखों के तारे
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