तुम्ही मेरे राम हो
तुम ही हो अपने जगत पराया
अब ये समझ में मुझको है आया
तुम्हे पाके मैंने सब कुछ पाया
सर पे रहे सदा तेरा ही साया
तुम्ही मेरे राम - - -
जिसने भी मिला प्रभु तेरा सहारा
उसने पाया मझधार में किनारा
तुमने किया सदा हित ही हमारा
तुमसा नही है और कोई प्यारा
तुम्ही मेरे राम - - -
गर फिसलूँ मैं तो तुम ही बचाना
भक्ति की ज्योति मेरे दिल में जगाना
मेरा तो लक्ष्य हो तुम को ही पाना
तुम्ही मेरे राम - - -
दोषों को मेरे तुमने मिटाया
मन मन्दिर में मेरे तू ही समाया
धन्य हुए जो तुमको पाया
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