सबका मंगल सबका भला हो
सबको पावन नाम दिया है, मन पापों से मुक्त किया
आशुतोष बन विष भी पिया है, भक्तों का हर कष्ट लिया
जात पात का भेद मिटाया, सबको ज्ञान अमृत है पिलाया
भक्ति का है पुष्प खिलाया, आत्मानंद का रस है दिलाया
सबका मंगल सबका भला हो
राग द्वेष की शमा बुझाई, भक्ति योग की खुशबू फैलाई
ज्ञान की अखण्ड ज्योत, जगाई सबको है सही राह दिखाई
सबका मंगल - - -
दीक्षा देकर धन्य है करते, सब दुखियों के कष्ट हैं हरते
घट में आनंद रस है भरते हर युग में भिन्न रूप हैं धरते
सबका मंगल - - -
संयम सेवा का पाठ पढ़ाते, सदगुण है जीवन में बढ़ाते
मति-गति को सूक्ष्म बनाते, ईश्वर हो के भी बापू कहाते
सबका मंगल - - -
इनसे जग प्रकाशित सारा, हित ही किया है सदा हमारा
कितनों को भव पार उतारा, गिरतों को दिया है सहारा
सबका मंगल - - -
भारत का युवाधन चमके, भ्रष्टाचार जल उठे लपटें।
राम राज्य फिर से भारत में, आएगा सदगुरुजी कहते ॥
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