बंदे अगर हैं तुझे कमाना
इस धरती पर पुण्य
संत शिरोमणि आसाराम की
अमृतवाणी सुन...
उसके ज्ञान कमल की खुशबू
फैली चारों ओर
उसकी तरफ मन यूँ खिंचता
ज्यूँ चाँद की ओर चकोर
जीवन को मत व्यर्थ गँवा
मत पाप की चादर बुन
बंदे अगर हैं तुझे कमाना...
वो पारस हैं लोहे को भी
सोना बना हैं लेता
वो गंगा हैं जैसा पावन
पाप सभी हर लेता
कर देती मन निर्मल उसकी
हरि ॐ की धुन
बंदे अगर हैं तुझे कमाना...
उसका दर्शन करनेवाला
परमानंद हैं पाता
तोड़ के सब बंधन माया के
भगवन के गुण गाता
भटक रहा तू उसकी बनाई
सच्ची राह को चुन
बंदे अगर हैं तुझे कमाना...
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