मेरा नाथ तू हैं..
नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू हैं
मेरा नाथ तू हैं..।।धृ।।
चला जा रहा हूँ मैं राहों पे तुम्हारी
राहों पे आए जो तूफान भारी
थामे हुए हैं मेरा हाथ तू हैं
नहीं मैं अकेला...
तेरा दास हूँ मैं तेरे गीत गाऊँ
तुझे भूल के भी ना कभी भूल पाऊँ
तू ही हैं तात-बंधू, पिता-माता तू हैं
नहीं मैं अकेला...
ठाकुर हैं तू मैं तेरा पुजारी
तेरा खेल हूँ मैं तू मेरा खिलाड़ी
मेरी जिंदगी की हर एक बात तू हैं
नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू हैं
मेरा नाथ तू हैं..
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