ठंडी छाँव भरा तेरा दरबार
सारा ऑंगन हैं खुशबूदार
तेरी महिमा हैं अपरंपार
तुम्हें पूजे हैं सारा संसार
हे तुलसी मैय्या महिमा हैं अपरंपार
तुम्हें पूजे हैं सारा संसार
तेरा दरश जो करें,नित्य सेवन करें
पल में मिट जाते,रोग शोक पाप सारे
तीनों लोक में हैं जयजयकार
तेरी महिमा हैं अपरंपार...
शुक शौनकादि शेष योगी-भोगी दरवेश
तुम्हें पूजते सुरेश ब्रम्हा विष्णु महेश
वेद शास्त्र पुराण युग चार
तेरी महिमा हैं अपरंपार...
मैय्या तेरा जहाँ वास,यम आवै नहीं पास
सुख संपत्ति बढ़े,घर में भक्ति का वास
श्रीहरि दरश देते साकार
तेरी महिमा हैं अपरंपार...
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