जय जय जय तुलसी माता
जय तुलसी माता तुम्हारी
जय तुलसी माता...
हे वृंदा श्यामा
हरि चरणों की तुम प्यारी
जय तुलसी माता...
जिस घर के आँगन में तेरी हो बगिया
महके तेरी खुशबू से सारी दुनिया
तेरा सेवन जो भी नित नित करता हैं
बुद्धि शक्ति बढ़ती होता मन पावन
महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार
विष्णुप्रिया वृंदा श्यामा विष्णुपूजिता माँ
जय तुलसी माता...
पूजन तेरा करते जो नित जल अर्पण
प्रभु भक्ति बढ़ती हैं होता निर्मल मन
तेरी माला करते हैं नित जो धारण
वो मुक्ति पाते करते सफल जीवन
देव करें हैं नमन तुम्हारी करते जयजयकार
विश्वपावनी माँ तुम्हारी जय करता संसार
जय तुलसी माता...
तिलक लगाएँ तुमको पुष्प चढ़ाते हम
धूप दीप दिखाएँ आरती करते हम
मंगलकारी परिक्रमा करते हैं हम
गुरुभक्ति बढ़ती रहें ये दो वरदान
तन मन स्वस्थ रहें जो तेरा सेवन नित्य करें
हरिप्रिया वृंदा श्यामा विष्णुपूजिता माँ
जय तुलसी माता...