मैं आया तेरी शरणी मेरे गुरुदेवा
तुम दाता दीनदयालु मेरे गुरुदेवा
करुँ तेरी सेवा सदगुरु करुँ तेरी सेवा
तुमही सहारा तुम ही साथी
तुमही दीपक तुमही बाती
तुमसे रोशन दिन और राती
महिमा तेरी कही न जाती
भक्ति तेरी पाऊ गुरुजी - - -
तेरा है गुरु प्रेम निराला
कर देता है ज्ञान उजाला
भक्तों को है तुमने संभाला
तू खोले तकदीर का ताला
शीष मैं झुकाऊँ गुरुजी - - -
चरणों में तेरे वन्दन करते, तेरा ही हम सुमिरन करते
दर्शन तेरा हम सब करते, भक्ति प्रीति ------------
महिमा तेरी गाऊँ गुरुजी - - -
ध्यान योग की धारा बहाते
भक्ति तप की महिमा बताते
अंतर गहरा ध्यान कराते
ब्रम्हज्ञान निज रूप सुनाते
प्रीति मैं बढ़ाऊँ गुरुवर - - -
दृष्टा-सृष्टा साक्षी हो तुम
भटकों के प्रभु साहिल हो तुम
अनंत प्रेम भंडारी हो तुम
सदगुरुदेव अवतारी हो तुम
निशदिन ध्याऊँ गुरु जी - - -
अंतर्यामी तुम हो, पालनहारे तुम हो
ज्ञान के दाता तुम हो, आनंद दाता तुम हो
जपूं नाम तेरा गुरुवर - - -
मन
बुद्धि है तुमको अर्पित,
झूठी
है ये दुनियां कल्पित
तेरा
ही है तुझे समर्पित
सेवा
सुमिरन करूं मैं निशदिन