साथ तुम ही हो, पास तुम ही हो
हर साधक की आस तुम ही हो
जल बिन जैसे मछली तड़पती
ऐसा अपना हाल है
देर न करियो ओ मेरे बापू
तुम बिन सब बेहाल है
जाने कहाँ उड़ी चैन हमारी
जिए भी तो कैसे
मेरे गुरुवर तुम बिन हम
रहे भी तो कैसे
तरस रही हैं अखियाँ सबकी
हे गुरुवर अब आ भी जाओ
बरस बरस कर नैना पुकारें
गुरुवर आ भी जाओ
धैर्य ना अब कहीं टूट जाए सब
हमको ना तड़पाओ
सूना वीराना जीवन मेरा
रहे भी तो कैसे
मेरे गुरुवर तुम बिन हम
रहे भी तो कैसे
ऐसी भी क्या गलती हो गई
दूर जो हमसे हो गए तुम
चाँद बिना चकोर रहे ना
स्वाति बिन जो चातक
बापू तुम बिन कैसे रहे हम
हम सारे तेरे साधक
तेरा सहारा जिसको मिला हो
भूले तो कैसे
मेरे गुरुवर तुम बिन हम
रहे भी तो कैसे
देख तुझे हर दिल ये कहता
तुमसा ना कोई और जहाँ में
दामन छोड़ ना जाऊँगा मैं
तुमसे सच्चा नाता है
बिगड़ी सबकी बनाने वाले
तू ही पिता तू ही माता है
तेरा मेरा रिश्ता पुराना
कहे भी तो कैसे
मेरे गुरुवर तुम बिन हम
रहे भी तो कैसे
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