सुनो न बापू एक छोटी सी बात है आपसे कहना
आपने हमको सिखाया ही न था आपसे दूर रहना
फिर चले गए क्यों जोगी यहाँ कोई नही है अपना
सुनो न बापू एक छोटी सी बात है आपसे कहना
आपने हमको सिखाया ही न था आपसे दूर रहना
सुनो न जोगी एक छोटी सी बात है आपसे कहना
आपने हमको सिखाया ही न था आपसे दूर रहना
फिर चले गए क्यों जोगी यहाँ कोई नही है अपना
फिर चले गए क्यों बापू यहाँ कोई नही है अपना
मीरा ने भक्ति की थी, शबरी ने भक्ति की थी
श्रीराम जी में जितना ,कैसे बताए बापू...
बापू कब आओगे अब तो ये भी हमें बता दो
अब वृक्ष लताएँ भी है कहते बापू को लौटा दो
अब क्या कहूँ मैं उनसे हम भी तड़पे है कितना
श्रीराम जी बिन तड़पे थे भरत जी जितना
कैसे बताए...
एक ही दिल था जोगी मेरा वो भी तुम्हें दिया है
मैंने मोल न जाना था तुमने अनमोल किया है
दिल के बदले तुम्हें माँगे हमें कीमत दो बस इतना
शबरी ने भक्ति की थी,मीरा ने भक्ति की थी
नन्दलाल जी में जितना,कैसे बताए बापू...
कितना गाऊँ कितना सुनाऊँ आप तो बस सुनते हो
कहते ना हो कुछ बस यूँ ही आप तो चुप बैठे हो
कुछ तो बोलो मेरे जोगी कि धैर्य धरे हम कितना
मीरा ने भक्ति की थी, शबरी ने भक्ति की थी
श्रीराम जी में जितना ,कैसे बताए बापू....
फिरसे बहारें आएँगी जब बापू आएँगे
नाँच उठेंगा हर दिल जब हम दर्शन पाएँगे
ऐसे दिन पर कब आएँगे सोचे सदा बस इतना
श्रीराम जी बिन तड़पे थे भरत जी जितना
कैसे बताए बापू....
आपने हमको सिखाया ही न था आपसे दूर रहना
फिर चले गए क्यों जोगी यहाँ कोई नही है अपना
सुनो न बापू एक छोटी सी बात है आपसे कहना
आपने हमको सिखाया ही न था आपसे दूर रहना
सुनो न जोगी एक छोटी सी बात है आपसे कहना
आपने हमको सिखाया ही न था आपसे दूर रहना
फिर चले गए क्यों जोगी यहाँ कोई नही है अपना
फिर चले गए क्यों बापू यहाँ कोई नही है अपना
मीरा ने भक्ति की थी, शबरी ने भक्ति की थी
श्रीराम जी में जितना ,कैसे बताए बापू...
बापू कब आओगे अब तो ये भी हमें बता दो
अब वृक्ष लताएँ भी है कहते बापू को लौटा दो
अब क्या कहूँ मैं उनसे हम भी तड़पे है कितना
श्रीराम जी बिन तड़पे थे भरत जी जितना
कैसे बताए...
एक ही दिल था जोगी मेरा वो भी तुम्हें दिया है
मैंने मोल न जाना था तुमने अनमोल किया है
दिल के बदले तुम्हें माँगे हमें कीमत दो बस इतना
शबरी ने भक्ति की थी,मीरा ने भक्ति की थी
नन्दलाल जी में जितना,कैसे बताए बापू...
कितना गाऊँ कितना सुनाऊँ आप तो बस सुनते हो
कहते ना हो कुछ बस यूँ ही आप तो चुप बैठे हो
कुछ तो बोलो मेरे जोगी कि धैर्य धरे हम कितना
मीरा ने भक्ति की थी, शबरी ने भक्ति की थी
श्रीराम जी में जितना ,कैसे बताए बापू....
फिरसे बहारें आएँगी जब बापू आएँगे
नाँच उठेंगा हर दिल जब हम दर्शन पाएँगे
ऐसे दिन पर कब आएँगे सोचे सदा बस इतना
श्रीराम जी बिन तड़पे थे भरत जी जितना
कैसे बताए बापू....
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