आकाश गंगा में जब तक सितारे रहें, मेरे सदगुरु तेरी जिंदगानी रहे ।
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
ज्ञान अपने गुरु से जो पाया, उसको घर घर में जाकर लुटाया ।
पूजा मन से करें, सेवा तन से करें, अपना जीवन तेजस्वी बनाते रहें ।।
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
भार भूमि का तुमने उठाया, विश्व शांति का बिगुल बजाया ।
सबको समझें परिवार चाहे नर हो या नार, जो भी आया शरण में उठाते रहे॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
छोड़ वैकुण्ठ को जग में वो आये, अपनी प्रभुता और वैभव भुलाये ।
लीला ऐसी करें जैसे मानव लगें, ईश्वर हो के भी बापू कहाते रहे ॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
ज्ञान अपने गुरु से जो पाया, उसको घर घर में जाकर लुटाया ।
पूजा मन से करें, सेवा तन से करें, अपना जीवन तेजस्वी बनाते रहें ।।
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
भार भूमि का तुमने उठाया, विश्व शांति का बिगुल बजाया ।
सबको समझें परिवार चाहे नर हो या नार, जो भी आया शरण में उठाते रहे॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
छोड़ वैकुण्ठ को जग में वो आये, अपनी प्रभुता और वैभव भुलाये ।
लीला ऐसी करें जैसे मानव लगें, ईश्वर हो के भी बापू कहाते रहे ॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
दीन दुखियों के तुम हो सहारे, विश्व बगिया के तुम रखवाले ।
कहते सत्य वचन व्यर्थ हो ना जनम, हर जनम में गुरूजी को पाते रहें ॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
इनको गुरुवर कहो चाहे ईश्वर, इनको नटवर कहो या तो रघुवर ।
ब्रह्मज्ञानी यही अंतर्यामी यही, सभी रूपों में भगवान आते रहे ॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
अपनी सूरत ह्रदय में बसा दो, प्रीत करने की रीति सिखा दो ।
करके चरणों का ध्यान पायें भक्ति और ज्ञान, गुरु भक्ति में मन को मिटाते रहें ॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
ज्योत गुरुवर से जिसने जगाई, उसने जीवन में खुशियाँ ही छायीं।
दुःख में रोये नहीं सुख में सोये नहीं, अपनी नैया किनारे लगाते रहे ॥
दुःख में रोये नहीं सुख में सोये नहीं, अपनी नैया किनारे लगाते रहे ॥
गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा, गुरुदेवा, ओ गुरुदेवा
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