मेरे दिल में बसे गुरुदेव तुम हो
हमारे प्यार की मूरत तुम हो
तेरे मिलने को दिल बेचैन रहता
तुझे देखे तो दिल को चैन पड़ता
मेरे मालिक मेरी धड़कन तुम हो
जमाना राह में कांटे बिछाता
मुझे क्या मैं तो तेरी राह चलता
मेरे दिलबर मेरी दुनिया तुम हो
मुझे मंदिर तीरथ को क्या करना
तेर चरणों में तीरथ आके झुकता
मेरे भगवन मेरे हरिहर तुम हो
ना चाहूँ मैं कोई नश्वर की पूंजी
तेरी वाणी के अमृत में है रूचि
मेरे हो राम मेरे कृष्ण तुम हो
जुदा रहना गवारा कैसे होगा
तुझे चाहत की झोली भरना होगा
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