सदगुरु
के चरणों में सारे तीर्थ और
स्नान
लगी
रहे जो लगन गुरु से हो जाये
कल्याण
गुरु
का प्यार निराला ......
गुरु
चरणों की धूलि जो माथे पर लग
जाये
किस्मत
रेखा बदले खुशियाँ सारी मिल
जाये
दुखी
रहे ना वो नर जग में जिसको तेरा
ध्यान
लगी
रहे जो लगन......
गुरु
ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु
गुरु ही शिव कहाए
ऐसे
गुरु के श्रीचरणों में हम सब
शीश नवायें
न
भूलें हम न छोड़ें हम सदगुरु
तेरा ध्यान
लगी
रहे जो लगन......
गुरु
चाहे तो पंगु भी पर्वत चढ जाये
सूर
दुनिया देखे गूंगा भी राग
सुनाये
राय
को पर्वत कर डाले रंक बने धनवान
लगी
रहे जो लगन......
ऐसे
श्री सदगुरु का आशीष मिल जाए
पाप
ताप सब कट जाये भाग्य जाग जाए
गुरु
चरणों की सेवा करके राजी हो
भगवान
लगी
रहे जो लगन......
गुरु
का प्यार निराला ......
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