तुम
ही मेरे राम हो तुम ही मेरे
श्याम हो |
भक्तों
के करते पूर्ण सब काम हो ||
भटके
हुओं को राह है लगाया
तुमने
ही सृष्टि का भार है उठाया
विषय
विकारों को तुमने भगाया
धन्य
हुए हम जो तुमको है पाया
जहाँ
भी मैं देखूँ तुम नजर आते
तेरी
शरण में हम शांति पाते
नश्वर
रिश्ते सब साथ छोड़ जाते
सदगुरु
ही सदा साथ निभाते
तुम
अविनाशी साथ निभाते
तुमसे
ही शक्ति है इस तन में
तुम
से ही शांति है इस मन में
कभी
न फंसाना मुझे मोह धन में
मुझे
देना दृढ़ता गुरु चरणन में
तेरा
ही मुखडा है सबसे प्यारा
तुझमे
छिपा है ज्ञान प्रभु सारा
इस
जग में था घोर अँधियारा
तेरे
आने से ही हुआ उजियारा
गंगा-सा
पावन जल गुरु तुम हो
हर
प्राणी में छिपा बल गुरु तुम
हो
सारी
सृष्टि का तल गुरु तुम हो
साधकों
की साधना का फल गुरु तुम हो
गुरुवर
तुम हो अंतर्यामी
तुम
ही तो हो तीनों लोकों के स्वामी
तुमरी
महिमा किसी ने ना जानी
वहाँ
नहीं पहुँचे किसी की भी वाणी
हर
ओर है प्रभु तेरी ही खुदाई
तुम
ही तो हो भव रोग की दवाई
तेरी
याद से आँख भर आई
सह
न सकें हम तेरी जुदाई
तुमने
जो पकड़ा है हाथ ये मेरा
ये
तो है प्रभु उपकार तेरा
मेरे
जीवन में था घोर अँधेरा
तेरे
आने से ही हुआ है सवेरा
मनभावन
गुरु छवि है तुम्हारी
सुखकर
हितकर वाणी है तुम्हारी
तुमने
रखी सदा लाज हमारी
क्षण
में हरण की मुश्किलें सारी
तुमने
ही सबके काज सँवारे
धन्य
हुए हम जो आये तेरे द्वारे
झूठे
है दुनिया के रिश्ते सारे
जान
गए हम तुम हो हमारे
वैकुण्ठ
को छोड़ जग में तुम आये
वेद
और शास्त्र सब तेरी महिमा
गाये
हर
क्षण प्रभु हम तुमको ही ध्याये
हर
जनम में प्रभु तुमको ही पाये
गर
फिसलूं मैं तो तुम ही बचाना
जहाँ
देखूँ वहीँ तुम नजर आना
मेरा
तो लक्ष्य है तुमको पाना
अपना
सभी कुछ तुमही को माना
तुमही
मेरे राम हो तुमही मेरे श्याम
हो
भवजल
पार करते वही तुम नाम हो
इश्वर
का रूप हो तुम मस्ती का जाम
हो
हम
सबके जीवन में शांति का पैगाम
हो
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