अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
तो कैसे लगेंगे भव से किनारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हमारे लिए क्यों देर किए हो
गणिका अजामिल को पल में मिले हो
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे...
संत न होते तो जग दुःख में जलता
पग पग विकारों में मन ये फिसलता
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे...
अगर ना होते संत प्यारे
ना धरती होती ना चाँद सितारे
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे...
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