मैं बालक तेरा प्रभु जानू योग न ध्यान
गुरुकृपा मिलती रहे दे दो ये वरदान
एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनि आध
तुलसी संगत साधु की, हरे कोटि अपराध
संत मिलन को जाइये, तज माया अभिमान
ज्यों ज्यों पग आगे धरे कोटि यज्ञ समान
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे...
कबीरा कुआ एक है, पनिहारी अनेक
न्यारे न्यारे बर्तनों में, पानी एक का एक
साहिब तेरी साहिबी, घट घट रही समाय
जैसे मेहंदी बीच में, लाली रही छुपाय
रहिमन धागा प्रेम का, मत खींचो टूट जाय
टूटन से जोड़े नहीं जुड़े गाँठ पड़ जाय
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे...
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