पाके सुंदर ये तन कर प्रभु का भजन
पाके सुंदर ये तन कर हरि का भजन
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं
जो आए यहाँ फिर वो जाए कहाँ
दुनियाफानी का कोई भरोसा नहीं
पाके सुंदर ये तन कर प्रभु का भजन
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं
ॐ नमः शिवाय,ॐ नमः शिवाय...
खाली हाथों यहाँ से सिकंदर गया
दोनों हाथ खुले थे वो कहकर गया
जो यहीं से लिया वो यहीं पर दिया
लाभ हानी का कोई भरोसा नहीं
पाके सुंदर ये तन...
अरबों वाले गए ,खरबों वाले गए
ओ कितने राजा गए , महाराजा गए
श्रेष्ठ जीवन बना , कर सभी का भला
माटी के तन का कोई भरोसा नहीं
पाके सुंदर ये तन...
बालपन खेल-कूदों में ही खो दिया
जब आई जवानी भोगों में खो दिया
जब आई जवानी भोगों में रस लिया
क्षणभंगुर ये तन करे इसमें जतन
इन श्वासों का कोई भरोसा नहीं
पाके सुंदर ये तन कर प्रभु का भजन
जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं
जो आता यहाँ फिर वो जाता कहाँ
दुनियाफानी का कोई भरोसा नहीं
ॐ नमः शिवाय,ॐ नमः शिवाय...
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