आओ प्रेम से गुरु चरणों में श्रद्धा सुमन चढ़ाये हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
तन मन सब अर्पण कर गुरु को उनके ही हो जाये हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
कृपा सिंधु है बापू अपने,सबका मंगल करते है
जो भी आता शरण में इनकी,सबका दुःख ये हरते है
सद्गुरु जी की कृपा दृष्टि से भव सागर तर जाये हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
ये संसार है सपने जैसा,मिथ्या खेल यहाँ सारा
जो इसमें आसक्त हुआ वो जीवन की बाजी हारा
तारणहार गुरु ही केवल इनकी शरण में जाए हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
विषयों से अपना मन मोड़ो,ये तो है अति दुःखदायी
दिल के तार प्रभु से जोड़ो,परम सुहृद वे सुखदायी
भजन और चिंतन से प्रभु की सात्विक भक्ति पाये हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
अहंकार और राग द्वेष से मन को शांति नही मिलती
बिना शांति के प्रभु प्रेम की कली हृदय में नही खिलती
जीव मात्र को अपना समझे,अपने प्रिय को पाये हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
आओ प्रेम से गुरु चरणों में श्रद्धा सुमन चढ़ाये हम
गुरुवर की आज्ञा में चलकर जीवन सफल बनाये हम
तन मन सब अर्पण कर गुरु को उनके ही हो जाये हम
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