Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

रब्ब मेरा सतगुरु बन के आया

रब्ब मेरा सतगुरु बन के आया
 मैनू वेख लें दे।मैनू वेख लैन दे, 
मथ्था टेक लैन दे॥

बूटे बूटे पानी पावे,सूखे बूटे हरे बनावे।
नी ओ आया माली बन के,
मैनू वेख लें दे॥

जिथ्थे वी ओह चरण छुआवे,
पत्थर वी ओथे पिघलावे।
नी ओह आया तारणहारा,
मैनू वेख लैन दे॥

गुरां दी महिमा गाई ना जाए,
त्रिलोकी इथे झुक जावे।
नी ओ आया पार उतारण,
मैनू वेख लैन दे॥

ब्रह्म गायन दी मय पिलावे,
जो पी जावे ओह तर जावे।
एह ब्रह्म दा रस स्वरूप,
मैनू वेख लैन दे॥

गुरां दी सूरत रब दी सूरत,
कर दे मुरादे सब दी पुरन।
नी ओह रब दा पूरण स्वरूप,
मैनू वेख लैन दे॥

गुरां दी चरनी तीरथ सारे,
मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे।
नी ओह आया पार उतारण,
मैनू वेख लैन दे॥

जनम मरण दे चक्कर कटदे,
जेहड़े इसदे दर दे झुकदे।
नी ओह रब्ब दा पूरण रूप,
मैनू देख लैन दे॥

नाम दी इसने प्याऊ लगाईं,
राम नाल दुनिया झुमाई।
एहदे नाम दा अमृत पी के
मैनू वेख लैन दे॥

सत्संग एस दा बड़ा निराला,
जीवन विच करदा है उजाला।
मेरे रब्ब दा ज्योति स्वरूप,
मैनू वेख लैन दे॥

प्रीत है उसदी बड़ी अनोखी,
नाम दी दौलत कदे ना फुट्दी।
नी ओह आया जग नू झुमावन,
मैनू वेख लैन दे॥

घट घट सब दे ज्योत जगावे,
मोह माया दे भरम मिटावे।
एह मिठ्ठी निगाह बरसावे,
मैनू वेख लैन दे॥
राम नाम  दी बोली प्यारी,
गंगा जी वी बनी पुजारी।
सब तीरथ होए निहाल,
मैनू वेख लैन दे॥

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