बड़े प्रेम से सब मिल बोलो ,वाणी में अमृत घोलो
अंतर घट के पट खोलो, गुरुदेव की शरण में हो लो
फिर नयन मूंद कर बोलो,गुरूचरणम शरणम मम
गुरूचरणम शरणम मम,गुरूचरणम शरणम मम...
जब घोर अंधेरा छाए ,कोई राह नजर नही आये
जब मन तेरा घबराए,पीड़ा दुःख - दर्द डराए
मन बार बार दोहराए,गुरूचरणम शरणम मम
गुरूचरणम शरणम मम,गुरूचरणम शरणम मम...
मानव तन में हम आये,सपनों के महल सजाए
माया में मन ललचाए, जीवन यूँ ही ढल जाए
गुरुदेव ही पार लगाए,गुरूचरणम शरणम मम
गुरूचरणम शरणम मम,गुरूचरणम शरणम मम...
सत्कर्म ही ज्ञान सिखाए, सुमिरन से ही सुख पाए
जो दया धर्म अपनाए,वो जीवन सफल बनाए
नित झूम झूम कर गाए,गुरूचरणम शरणम मम
गुरूचरणम शरणम मम,गुरूचरणम शरणम मम
बड़े प्रेम से सब मिल बोलो ,वाणी में अमृत घोलो
अंतर घट के पट खोलो, गुरुदेव की शरण में हो लो
फिर नयन मूंद कर बोलो,गुरूचरणम शरणम मम
गुरूचरणम शरणम मम,गुरूचरणम शरणम मम...
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