मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
मुरझाया था जीवन जो मेरा आज फिरसे खिल गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
सत्संग के ही प्रताप से दुःख दर्द सारे टल गए
अगणित जनम के पाप का कूड़ा भरा वह जल गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
कहते है कोई क्या मिला ,समझा उसे सकते नही
बिछुड़ा ना पलभर भी कभी था उससे मिलना हो गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
फूला हुआ फिरता सदा निज मूर्खता अभिमान में
मिली संत चरणों की कृपा,अभिमान असूर निकल गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
बेहोश रहता था सदा सुख भोग की आसक्ति में
गुरुज्ञान के ही प्रकाश से मुरझा पड़ा वह खिल गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
परमात्मा परिपूर्ण है सब देश मे सब काल में
सतरंगी सुंदर मन मेरा घनश्याम रंग में रंग गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
मुरझाया था जीवन जो मेरा आज फिरसे खिल गया
मुझको मेरे सौभाग्य से सद्गृरु का दर्शन हो गया
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