हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
प्राणों के पंछी चहके मधुर गुनगुनाए
श्वासों की ये स्वर लहरी यहीं मंत्र गाए
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
जन्मों का लेखा जोखा पढ़ा नही जाए
जो कुछ भी सुख दुःख देखा कहा नही जाए
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
तेरे सर पे हाथ गुरु का क्यों घबराए
कर्म भूमि कर्म किये जा क्यों ललचाए
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
माया के मोह जाल में पंछी फँस जाए
राग द्वेष तृष्णा घेरे चैन न पाए
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
जीवन समर्पण करदे गुरु के चरण में
सबकुछ मिलेगा तुमको उनकी शरण में
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
गुरु कृपा से मन की बगिया हरदम रहती हरीभरी
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि बोल तू मानवा हरि ॐ हरि
No comments:
Post a Comment