स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार
हमपर यूँ ही रहे बरसता सदा तुम्हारा प्यार...
साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे
हो,साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे
हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ
तेरे आँगन में मिलते हमें जीवन के सुख सारे
तेरे ही दर्शन से कट जाते पाप हमारे
कहाँ मिलेगी ऐसी ज्योति इतना सुंदर द्वार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार....
मात-पिता तुम मेरे तुम संगी- साथी सहारे
अब मेरा यह जीवन चरणों में रहे तुम्हारे
तेरी पूजा कर न सका तो जीवन है बेकार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार...
जब जब कष्ट हुए है तुमने ही कष्ट निवारे
तुमही हो जीवन साथी तुम ही भगवान हमारे
इसी जनम में कर दो साँई हमको भव से पार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार....
ऋषि मुनि पाते है जो आनंद शांति अपार
वोही आनंद हमें मिलता है कर सतगुरु के दीदार
बापू का ये प्यार न रूठे ना छूटे गुरुद्वार
स्वर्ग से सुंदर सपनों से प्यारा है गुरु का दरबार
हमपर यूँ ही रहे बरसता सदा तुम्हारा प्यार
साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे
हो,साँई तेरा प्यार न रूठे कभी दरबार न छुटे
हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ,हरि हरि ॐ
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