अटको अगर तुम, भटको अगर तुम
ना बन पाए काम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...।।धृ।।
गम की सुबह हो ,दुःख की दोपहरी
या खुशियों की श्याम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...
वेद पुराण ने आदि काल से गुरुमहिमा गाई
ब्रम्हा हो या विष्णु सबको गुरुभक्ति भाई
गुरुचरणों की कृपा से माटी चंदन हो जाए
गुरुद्वार से भक्त गुरु का जो चाहे पाए
गुरुका, जो चाहे पाए
गुरुका, जो चाहे पाए
गुरुवंदन करूँ,गुरु को नमन करूँ
सुबह हो चाहे श्याम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...
गुरुकृपा से मन का सारा दोष निकल जाए
जैसे लोहा पारस छूकर कंचन बन जाए
गुरु चरणों में अर्पित कर दे हर सुख दुःख प्राणी
गुरु की महिमा को जो समझे वो सच्चा ज्ञानी
ज्ञानी,वो सच्चा ज्ञानी
जल में या थल में,चल में अचल में
गुरुवर आए काम,ले लो तुम गुरुवर का नाम...
गुरुबिन ज्ञान नही मिलता है ,मनो ना मानो
ईश्वर को पाना है तो तुम गुरु को पहचानो
सच्चे मन से जो गुरुवर का सुमिरन कर लेता है
उसके मन में गुरुज्ञान अमृत भर देता है
राम ने पाया,कृष्ण ने पाया
गुरुचरणों से ज्ञान,ले लो तुम गुरुवर का नाम...
अटको अगर तुम...
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