सद्गुरु सा ना कोई जगत में ,उनका ही गुण गान करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....
गुरु रूप में शिवजी आए, करने भक्तों का उद्धार
महिमा इनकी न जाने कोई, इनके तो है रूप हजार
दर्शन गुरु के करो हमेशा,सुबह सवेरे जाप करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....
मुनी पुत्र होकर शुकजी ने जनक को गुरु बनाया था
लहणा की थी भक्ति गुरु में गुरु अंगद कहलाया था
गुरुभक्ति में मन को लगाकर तृष्णाओं का नाश करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....
महँगीबा का आसू प्यारा देखो आज है संत महान
लाखों शीश शरण में झुकते हम सबके है वो है भगवान
ज्ञान गंग में गुरु के साधक सतत सभी स्नान करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
सद्गुरु सा ना कोई जगत में ,उनका ही गुण गान करो
मन की मैली चादर अपनी बिन साबुन ही साफ करो
बिन साबुन ही साफ करो....
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