आँखों में रहो , नजरों में रहो
पलकों में रहो, बापू दिल में रहो
साँसों
में रहो, धड़कन में रहो
पूजा में रहो, चिंतन में रहो
तेरे चरणों में जीवन हमारा
बापू तुम बिन कोई ना सहारा
वंदन में रहो , स्पंदन में रहो
तुम तन में रहो या मन में रहो
आकार रहो, निराकार रहो
मेरे मन में सदा साकार रहो
ये सारी भक्ती हमारी
दाता चरणों में अर्पण तुम्हारे
आँखों
में रहो …
आज न जाने ये क्या हुआ है
दिल तुम्ही को ढूँढता है
गीत तुम्हारे गा रहा है
याद तुम ही को करता है
गीतों में रहो , यादों में रहो
वादों में रहो , कसमों में रहो
या दिल में रहो , या दिन में रहो
रातों में रहो , सपनों में रहो
तेरे चरणों में जीवन हमारा
बापू तुम बिन कोई ना सहारा
आँखों में रहो …
जब भी तुम्हारी याद सताए
बिना बुलाए आ जाना
कोई निशानी दे जाना
थोडीसी भक्ती दे जाना
भक्ति में रहो , शक्ती में रहो
बंधन में रहो , मुक्ती में रहो
ख़ुशी में रहो , ग़मों में रहो
मेरे जीवन में तुम हरदम रहो
तेरे चरणों में जीवन हमारा
बापू तुम बिन कोई ना सहारा
सत्संग में रहो , या निःसंग रहो
अपनों के सदा तुम संग रहो
एकांत में रहो , हिमालय रहो
भक्तों के सदा हृदयान्मे रहो
आज हमें क्या हो गया है
कोई दिल को समझाए
अभिलाषा जागी है मन मे
चरणों में तेरी खो जाए
खो जाए.… खो जाए.…
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