हम शरण तुम्हारी आये
के सोये भाग्य जग दे
के बिगड़ी आज बना दें.…
जन्मों से हम तो भटक रहे थे
विषय विकारों में अटक रहे थे
जरा सच की राह दिखा दे
के सोये भाग्य जग दे
के बिगड़ी आज बना दें
हम शरण....
तुमने खुद को कष्ट दिए पर
लोगों का हित चाहा
इसी ज्ञान को जोगी
दुनिया ने सराहा
दर दर ठोकर खाई हमने
तब तेरी चौखट पायी हमने
गुरु आज हमें अपनाले
के सोये …
है नूरानी चाँदसी सूरत
तुममे दिखे रब की मूरत
जरा थोडासा मुसकाले
के सोये....
हम मूरख अज्ञानी गुरुवर
तुम तो हो महादानी गुरुवर
हम गिरतों को आज उठाले
के सोये....
अंतर तमस मिटाकर तुमने
प्यार का अलख जगाया
संतों के वचनों को जोगी
घर घर पहुँचाया
सब ग्रंथों का सार सुनाया
बापू लीलाशाहजी के ज्ञान को
घर घर तक पहुँचाया
किस्मत से ये शुभ दिन आया
हमको गुरुवर ने अपनाया
अब अंतर ज्योत जगा दे
के सोये....
थाऊ जी के राजदुलारे
प्यारी मैयाजी के आँखों के तारे
लीलाशाहजी के आँखों के तारे
हम भक्तों के गुरुवर प्यारे
हमसे भी रिश्ता बना ले
के सोये....
तुम संग बाँधी प्रेम की डोरी
आस्था और विश्वास की डोरी
डोर कभी ना टूटे
दुनिया चाहे छूटे गुरुवर
साथ तुम्हारा ना छूटे
हम गिरतों को आज उठाले
के सोये....
जीना तो पशू कीट पतंगें
सीख ही लेते है यारा
जोगी तो मरना भी सिखाए
जन्म ना हो दुबारा
जरा सत्य की राह दिखा दे
के सोये....
राम - ओ -रब रेहमान तुम ही हो
सब वेदों का ज्ञान तुम ही हो
इन आँखों से आज पिलादे
के सोये....
जब से देखा तुम्हे गुरुवर
जब से देखा तुम्हें जाने क्या हो गया है
ऐ मेरे जोगी सच्चे सच्चे संत
मैं तेरा हो गया
जब से देखा तुम्हे जाने क्या हो गया
मेरे प्यारे गुरुदेव मैं तेरा हो गया
के सोये....
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