अब तो यहीं कहीं बापू मेरे आस पास हो
आते नजर नहीं पर मेरे साथ-साथ हो...
बहते पवन के झोंके एहसास ये दिलाते
संग संग हो तुम हमारे महसूस ये कराते
ह्रदय में जोगी आप ही करते निवास हो
आते नजर नहीं पर मेरे साथ-साथ हो
अब तो यहीं कहीं बापू....
हम तो ये मानते हैं आज्ञा में चल रहे हैं
पर हैं सच ये जोगी कृपा पे पल रहे हैं
बच्चों को अपने प्यार का देते सकास हो
आते नजर नहीं पर मेरे साथ-साथ हो
अब तो यहीं कहीं बापू....
करते हैं प्रेम तुमसे मेरी तुम हो उपासना
यादें अनोखी ऐसी मिट जाए वासना
बनकर के ज्ञान चंद्रमा देते प्रकाश हो
आते नजर नहीं पर मेरे साथ-साथ हो
अब तो यहीं कहीं बापू....
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