किस देवता ने आज मेरा दिल चुरा लिय
दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया
रहता था पास में सदा लेकिन छिपा हुआ
करके दया दयाल ने पर्दा उठा लिया ।
दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया
सूरज न था न चाँद था, बिजली न थी वहाँ
एकदम वो अजब शान का जलवा दिखा दिया
दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया
फिर के जो आँख खोल कर ढूँढ़न लगा उसे
गायब था नजर से सोई फिर पास पा लिया ।
दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया
करके कसूर माफ मेरे जनम जनम के
"ब्रहमानंद' अपने चरण में मुझको लगा लिया
दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया
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