तेरा मेरा ये रिश्ता पुराना हैं
गुरुद्वार ही एक ठिकाना हैं।।धृ।।
एक साथ तू ही निभाता हैं
गुरू शिष्य का पावन नाता हैं
प्यारा हैं तू ही मेरा हैं तू ही
हैं खुदा तू मेरा
तेरा मेरा ये रिश्ता...
बालक हूँ तेरा गुरूवर
दामन ना छोडूँगा
चाहे कठिनाई आए
मुख ना मैं मोडूँगा
वीराना था ये जीवन
उजड़ा हुआ था ये मन
अमृत का झरना बनकर
बनवाए मेरा जीवन
तुम जो कहोगे वही करेंगे
ऐसा तेरा दीवाना हैं
तेरा मेरा ये रिश्ता...
तुमको ही चाहूँ गुरूजी
तुमको ही पाऊँ मैं
तेरे ही सुमिरन में
जीवन बिताऊँ मैं
प्यार निराला तेरा
ज्ञान निराला हैं
पड़ती नजर जिसपे
वो किस्मत वाला हैं
मेरा अपना कोई नहीं हैं
एक तेरा ही ठिकाना हैं
तेरा मेरा ये रिश्ता....
आलम ये रौशन तुमसे
तुमसे जहान हैं
तुमसा ना होगा कोई
ये हो तो भगवान हैं
जर्रे जर्रे में भी तेरी ही सत्ता
तेरी मर्जी के बिना हिलता न पत्ता हैं
रहमत बरसे जिनपे इनकी
घट में अलख जगाता हैं
गुरू शिष्य का पावन नाता हैं
एक साथ तू ही निभाता हैं
तेरा मेरा ये रिश्ता पुराना हैं
गुरुद्वार ही एक ठिकाना हैं
एक साथ तू ही निभाता हैं
गुरू शिष्य का पावन नाता हैं
प्यारा हैं तू ही मेरा हैं तू ही
हैं खुदा तू मेरा
तेरा मेरा ये रिश्ता...
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