Sant Shri Asharamji Bapu

Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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संत श्री आशारामजी बापू

भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है

कितनी महिमा गाऊं

कितनी महिमा गाऊं

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार ||धृ||

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार

एक है जिव्हा मेरी गुण है बेशुमान

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार ||१||

तेरी कृपा से मेरे गुरु मन को मिला करार

जाग उठा मेरा तनमन में गुरुवर तेरा प्यार

तू दाता है सबका गुरुवर तू ही तारणहार

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार ||२||

तेरा भक्त ना हिम्मत हारे दुःख हो चाहे हजार

तुमसे ही खुशियाँ सारी तुमसे ही है बहार

तेरी कृपा से मिटते गुरुवर सबके दोष विकार

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार ||३||



तुम ही साहिल मेरे में डूब रहा है मझधार

तुम बिन कौन सहारा तुम सबके तारणहार

हम भी आये शरण में गुरुवर हम को लगा दो पार

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार ||४ ||

आयेगा जब मौत का झटका सब देंगे बिसार

बिखरेंगे रिश्ते और नाते तुटेंगे सब काल

तुमही एक हमारे गुरुवर मिट जाये संसार

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार ||५ ||

तेरी भक्ति में है शक्ति तेरा ज्ञान है सार

तेरे नाम की कुंजी से फूले है मुक्ति द्वार

हम भक्तों के तुम को गुरुवर वंदन बारंबार

कितनी महिमा गाऊं कितना करूँ सत्कार

महिमा अपरंपार तेरी महिमा अपरंपार ||६|| 

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