तेरी शरण रहना है, तेरे ही संग चलाना है ...-२
काग से हंस बनाये, तू डूबी नैया बचाये -२
तेरे ही रंग रंगना है, नाम तेरा जपना है...-२
तुमसे ही खुशियाँ सारी, दाता हो तुम उपकारी -२
तुम्ही से लगन लगाकर, ज्ञान की ज्योत जगाकर -४
पूजा करे हम तुम्हारी, तुम्ही हो भक्ति हमारी...-२
तुमने ही जीवन निखारा, सबको दिया है सहारा -२
तेरी ही हमको चाहत, तुमसे मिलती है राहत -४
पावन तेरा ये द्वारा, तुमने ही सब को सँवारा ...-२
पाया है तुमको जबसे, छाया है आनंद तबसे -२
तेरी सूरत है पावन, तू सबसे है मन भावन -४
मांगे तुझको ही रबसे, तू लगे प्यारा सबसे.... -२
हम तो है बालक तुम्हारे, तुम ही हो मालिक हमारे -२
तेरी आज्ञा पे चले हम, ये श्रद्धा हों न कभी कम -४
भक्त कभी भी न हारे, भक्ति तेरी ही है तारे....-२
ज्ञान की ज्योति जगाते, तुम्ही तिमिर को मिटते -२
तेरा है रंग निराला, तेरा संग करे उजाला -४
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