तुमही मेरे सतगुरु जीवन के स्वामी
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा।।धृ।।
माता पिता सम तुमही हो मेरे
तुम्हारी सेवा में समर्पित रहूँगा
तुमही सारथी हो जीवन के रथ के
तुम्हें मित्र हरदम बनाए रहूँगा
मैं हूँ आज तुम हो अहोभाग्य मेरे
तुम्हें दिल में अपने बिठाए रहूँगा
तुमही मेरे सतगुरु....
भले आँधियाँ आए तूफान आए
चरणों की पतवार पकड़े रहूँगा
संभाले ही रहना मेरी डोर सतगुरु
तुम्हारी पतंग बनके उड़ता रहूँगा
मैं जो कुछ भी जैसा तुम्हारा हूँ स्वामी
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
करो मुझको स्वीकार हे मेरे बापू
तुम्हारे लिए मैं समर्पित रहूँगा
तुमही मेरे सतगुरु जीवन के स्वामी
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा
माता पिता सम तुमही हो मेरे
तुम्हारी सेवा में समर्पित रहूँगा
तुमही सारथी हो जीवन के रथ के
तुम्हें मित्र हरदम बनाए रहूँगा
भले आँधियाँ आए तूफान आए
चरणों की पतवार पकड़े रहूँगा
मैं जो कुछ भी जैसा तुम्हारा हूँ स्वामी
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
करो मुझको स्वीकार ओ मेरे बापू
तुम्हारे लिए मैं समर्पित रहूँगा
तुमही मेरे सतगुरु जीवन के स्वामी
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा
माता पिता सम तुमही हो मेरे
तुम्हारी सेवा में समर्पित रहूँगा
तुमही सारथी हो जीवन के रथ के
तुम्हें मित्र हरदम बनाए रहूँगा
भले आँधियाँ आए तूफान आए
चरणों की पतवार पकड़े रहूँगा
मैं जो कुछ भी जैसा तुम्हारा हूँ स्वामी
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा
तुम्हारे लिए में समर्पित रहूँगा
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तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा।।धृ।।
तुम्हारी सेवा में समर्पित रहूँगा
तुमही सारथी हो जीवन के रथ के
तुम्हें मित्र हरदम बनाए रहूँगा
मैं हूँ आज तुम हो अहोभाग्य मेरे
तुम्हें दिल में अपने बिठाए रहूँगा
तुमही मेरे सतगुरु....
भले आँधियाँ आए तूफान आए
चरणों की पतवार पकड़े रहूँगा
संभाले ही रहना मेरी डोर सतगुरु
तुम्हारी पतंग बनके उड़ता रहूँगा
मैं जो कुछ भी जैसा तुम्हारा हूँ स्वामी
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
करो मुझको स्वीकार हे मेरे बापू
तुम्हारे लिए मैं समर्पित रहूँगा
तुमही मेरे सतगुरु जीवन के स्वामी
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा
माता पिता सम तुमही हो मेरे
तुम्हारी सेवा में समर्पित रहूँगा
तुमही सारथी हो जीवन के रथ के
तुम्हें मित्र हरदम बनाए रहूँगा
भले आँधियाँ आए तूफान आए
चरणों की पतवार पकड़े रहूँगा
मैं जो कुछ भी जैसा तुम्हारा हूँ स्वामी
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
करो मुझको स्वीकार ओ मेरे बापू
तुम्हारे लिए मैं समर्पित रहूँगा
तुमही मेरे सतगुरु जीवन के स्वामी
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा
माता पिता सम तुमही हो मेरे
तुम्हारी सेवा में समर्पित रहूँगा
तुमही सारथी हो जीवन के रथ के
तुम्हें मित्र हरदम बनाए रहूँगा
भले आँधियाँ आए तूफान आए
चरणों की पतवार पकड़े रहूँगा
मैं जो कुछ भी जैसा तुम्हारा हूँ स्वामी
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
सदा ही तुम्हारा सेवक रहूँगा
तुम्हारे ही चरणों में अर्पित रहूँगा
तुम्हारे लिए में समर्पित रहूँगा
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