जगमग जगमग ज्योत जले
मेरे बापू के दरबार में
आओ रे भक्तों
आओ रे भक्तों भक्ति कर लो
बापू के दरबार में
जगमग जगमग ज्योत जले
मेरे बापू के दरबार में...
निशदिन तेरा नाम पुकारें
निशदिन तेरी ज्योत जलावे
आओ रे भक्तों...
ऐसी अंतर ज्योत जलाओ
हम दिनों को पार लगाओ
आओ रे भक्तों...
निराकार है ज्योत तुम्हारी
तीन लोक फैली उजियारी
आओ रे भक्तों….
जिसने बापू का नाम पुकारा
दूर हुआ उसका अंधियारा
आओ रे भक्तों...
नील गगन के चाँद सितारे
ऐसे लगे बापू नयन तुम्हारे
आओ रे भक्तों....
प्रेम सहित जो आरती गावे
दुःख-दारिद्र्य निकट नही आवे
आओ रे भक्तों,आओ रे भक्तों भक्ति कर लो
बापू के दरबार में...
जगमग जगमग ज्योत जले मेरे बापू के दरबार में...
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मेरे बापू के दरबार में
आओ रे भक्तों
आओ रे भक्तों भक्ति कर लो
बापू के दरबार में
जगमग जगमग ज्योत जले
मेरे बापू के दरबार में...
निशदिन तेरा नाम पुकारें
निशदिन तेरी ज्योत जलावे
आओ रे भक्तों...
ऐसी अंतर ज्योत जलाओ
हम दिनों को पार लगाओ
आओ रे भक्तों...
निराकार है ज्योत तुम्हारी
तीन लोक फैली उजियारी
आओ रे भक्तों….
जिसने बापू का नाम पुकारा
दूर हुआ उसका अंधियारा
आओ रे भक्तों...
नील गगन के चाँद सितारे
ऐसे लगे बापू नयन तुम्हारे
आओ रे भक्तों....
प्रेम सहित जो आरती गावे
दुःख-दारिद्र्य निकट नही आवे
आओ रे भक्तों,आओ रे भक्तों भक्ति कर लो
बापू के दरबार में...
जगमग जगमग ज्योत जले मेरे बापू के दरबार में...
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