मुझे ऐसा वर दे दे

 मुझे ऐसा वर दे दे

गुणगान करूँ तेरा

इस बालक के सिर पे गुरू

हाथ रहे तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे...


सेवा नित तेरी करूँ

तेरे द्वार पे आऊँ मैं

चरणों की धूली को

निज शीश लगाऊँ मैं

चरणामृत पाकर के

नित कर्म करूँ मेरा

इस बालक के सिर पे गुरू

हाथ रहे तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे...


भक्ति और शक्ति दो

अज्ञान को दूर करो

अरदास करूँ गुरूवर

अभिमान को चूर करो

नहीं द्वेष रहें मन में

रहे वास गुरू तेरा

इस बालक के सिर पे गुरू

हाथ रहे तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे...


विश्वास हो ये मन में

तुम साथ ही हो मेरे

तेरे ध्यान में सोऊँ मैं

सपनों में रहो मेरे

चरणों से लिपट जाऊँ

तुम ख्याल करो मेरा

इस बालक के सिर पे गुरू

हाथ रहे तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे...


मेरे यश कीर्ति को

गुरू मुझसे दूर रखो

इस मनमंदिर में तुम

भक्ति भरपूर भरो

तेरी ज्योत जगे मन में

नित ध्यान धरूँ तेरा

इस बालक के सिर पे गुरू

हाथ रहे तेरा

मुझे ऐसा वर दे दे...


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