कृपा की एक नज़र गुरुवर

कृपा की एक नज़र गुरुवर 
हमारी ओर कर देना
मिटा कर मोह तम उर-दीप
में तुम ज्योति भर देना


बिना तेरी कृपा के नाव 
धारा में फँसी मेरी 
धारा में फँसी मेरी
पकड़ पतवार मंज़िल दूर
बेडा पार कर देना
कृपा की एक नज़र....


बहा दो प्रेम की गंगा
दिलों में प्यार का सागर
दिलों में प्यार का सागर
हमें आपस में मिल-जुलकर
प्रभू रहना सिखा देना
कृपा की एक नज़र....


हमारे ध्यान में आओ 
प्रभू आँखों में बस जाओ
प्रभू आँखों में बस जाओ
ह्रदय में भक्ति रस भरकर 
मन हरिमय बना देना
कृपा की एक नज़र.....


ये मन चंचल नही माने
फँसा भ्रम् जाल में तड़पे

फँसा भ्रम् जाल में तड़पे
लगाकर निज चरण में दास
तुम अपना बना लेना
कृपा की एक नज़र.....





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