पा लिया है मैंने सबकुछ




पा लिया है मैंने सबकुछ

पा लिया है मैंने सबकुछ तेरे द्वारे गुरुदेवा

बाँध लिया है मैंने मन को तेरे द्वारे गुरुदेवा

गुरुदेवा, गुरुदेवा करूं तेरी मै सेवा

पा लिया है मैंने सबकुछ तेरे द्वारे गुरुदेवा ||धृ||

तेरे द्वारे मैं आया नहीं चाह रही कोई बाकी

तेरे द्वारे मैं आया नहीं चाह रही कोई बाकी

मेरे मन मंदिर में बसी है गुरुवर तेरी ही झाँकी

मेरे मन मंदिर में बसी है गुरुवर तेरी ही झाँकी

पा लिया है मैंने सबकुछ तेरे द्वारे गुरुदेवा ||१||

तेरे दर्शन कर ना पावुं फिर बेचैनी बढ़ जाती

चाहे कही जाऊं बस याद तेरी ही आती

चाहे कही जाऊं बस याद तेरी ही आती

बाँध लिया है मैंने मन को तेरे द्वारे गुरुदेवा ||२||

तुम बिन तो अब दाता मूरत न किसी की भाति

तुम बिन तो अब दाता मूरत न किसी की भाति

तुम ने जो नैया सम्भाली तुम बिन न ये तर पाती

तुम ने जो नैया सम्भाली तुम बिन न ये तर पाती

पा लिया है मैंने सबकुछ तेरे द्वारे गुरुदेवा ||३ ||

मैं भटका था जग में तुम से अब लगन लगा ली

मैं भटका था जग में तुम से अब लगन लगा ली

मेरे बगियाँ के गुरुवर तुम ही रक्षक तुम ही माली

मेरे बगियाँ के गुरुवर तुम ही रक्षक तुम ही माली

बाँध लिया है मैंने मन को तेरे द्वारे गुरुदेवा ||४ ||

तुमसे ही सब महका तुम चंदन हो मै पानी

तुमसे ही सब महका तुम चंदन हो मै पानी

जो निगुरा भटके जगमे गुरुमहिमा न जानी

बाँध लिया है मैंने मन को तेरे द्वारे गुरुदेवा || ५ || 

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