मेरे देवता मुझको देना सहारा


मेरे देवता मुझको देना सहारा, कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा
हरि , हरि , हरि , हरि

बिना तेरे मन में समाये ना कोई, लगन का ये दीपक बुझाये ना कोई
तू ही मेरी किश्ती तू ही किनारा, कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा
हरि , हरि , हरि , हरि

तेरे रास्ते से हटाती है दुनिया, इशारे से मुझको बुलाती है दुनिया
मुझे बचा सकता तुम्हारा इशारा, कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा ।।
हरि , हरि , हरि , हरि

तुम्हारा ही गुणगान गाता रहूँ मैं, ह्रदय से तुम्ही को ध्याता रहूँ मैं
तुम्हारे सिवा अब लगे कुछ ना प्यारा, कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा
हरि , हरि , हरि , हरि

तुम्हें क्या बताऊँ कि तुम मेरे क्या हो, मेरी ज़िन्दगी का तुम्हीं आसरा हो  
तुम्हीं ने बनाया जीवन हमारा, कहीं छूट जाए ना दामन तुम्हारा
हरि , हरि , हरि , हरि




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