सबसे ऊँची प्रेम सगाई


सबसे ऊँची प्रेम सगाई
दुर्योधन के मेवा त्यागे
साग विदुर घर खाए मेरे मोहन
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
शबरी के बेर सुदामा के तांदुल
रूचि-रूचि भोग लगाये मेरे मोहन
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
प्रेम के वश अर्जुन रथ हांक्यो
भूल गए ठकुराई मेरे मोहन
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हो
उसमे जूठ उठाये मेरे मोहन
सबसे ऊँची प्रेम सगाई


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