नर रूप में आये नारायण


साईं सब को सुख पहुंचाए, नर रूप में आये नारायण
गुरु ज्योत से ज्योत जगाएं, नर रूप में आये नारायण
हरि , हरि , हरि , हरि

मिटे अविद्या गुरु वचन से
आनंद मिले गुरु दर्शन से
गुरु घट में अलख जगाएं, नर रूप में .........
हरि , हरि , हरि , हरि

दीक्षा देकर धन्य बनायें
अपना सुख और चैन लुटाएं
गुरु जीव को ब्रह्म बनायें, नर रूप में ..........
हरि , हरि , हरि , हरि

साथ ना छोड़े हाथ ना छोड़ें
झूठे कल्पित बंधन तोड़ें
साईं सम रहना सिखलाएँ, नर रूप में ..........
हरि , हरि , हरि , हरि

शरणागत को कुछ नहीं करना
गुरु वाणी में जीना मरना
सब शास्त्र यही समझाएं, नर रूप में .........
हरि , हरि , हरि , हरि

गुरु करना कल्याण ही जाने
जाति वर्ण कुल भेद ना माने
हर भक्त को वे अपनाएं, नर रूप में ...........
हरि , हरि , हरि , हरि

अनुभव हो जो सुना ना देखा
कर्मों का मिट जाए लेखा
जन्मो का अंत हो जाए, नर रूप में ...........
हरि , हरि , हरि , हरि


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