गुरु मेरे परमात्मा


गुरु मेरे परमात्मा, तेरे दरस को तरसे आत्मा
काम क्रोध ने है उलझाया, राग द्वेष ने है भरमाया
शक्ति दो करूँ सामना, तेरे दरस को तरसे आत्मा ।। राह दिखावे है अँधियारा, सूझता नहीं है कोई किनारा
स्वीकारो ये प्रार्थना, तेरे दरस को तरसे आत्मा
तू ही मेरा भाग्य विधाता, हर पल मेरा साथ निभाता
तुम्हे पहचाने ये आत्मा, तेरे दरस को तरसे आत्मा
जो कोई तेरा दर्शन पाए, राम कृष्ण को तुझमे पाए
सर्व व्याप्त तेरी आत्मा, तेरे दरस को तरसे आत्मा
दर्शन के बिन रहा ना जाए, प्राण है अब बस कंठ में आये
स्वीकारो ये प्रार्थना, अब दरस दो गुरु परमात्मा
दया धरम का मुझको वर दो, भक्ति से मेरी झोली भर दो
दुखो का करके खात्मा, तेरे दरस को तरसे आत्मा

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