भज मन राम राम राम

भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम
हरि हरि हरि हरि
झूठी जग की सारी माया, कोई काम ना तेरे आया
जिसने नाम प्रभु का गाया, वो भव सिन्धु से तर पाया
भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम
ना माया मोह में फँसना, यहाँ कोई नहीं अपना
अरे इस दुनिया में ना कोई, किसी का साथी होता है
भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम
जगत में एक ही सत है, वही ईश्वर कहाता है
साथ जब उसका हो जाए, तभी सत्संग होता है
भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम
ये ऐसा औषधालय है, दूर हों व्याधियॉं मन की
यहीं सबसे कठिन भवरोग का उपचार होता है
भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम
ये सत्संग सेज फूलों की, यहाँ मन तृप्त हो जाता
यही मन शांत हों जाता, प्रभु से प्यार हो जाता
भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम
ये सत्संग गंगा है, जो पाप जन्मो के धो देती
बिना साबुन बिना पानी, यहाँ मन साफ़ होता है
भज मन राम राम राम, मेरे राम राम राम





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