हे सदगुरू परमेश्वर


हे सदगुरू परमेश्वर एक तुम ही आधार
सदगुरू सर्वेश्वर -आत्मरूप ओंकार

चरण कमल की छवि बसे मन प्रीत बढे दिन रात
ज्यो भौंरा फूल न बिछड़े -मिटने को तैयार

श्‍वांसों में ऐसा बस जाना ,
राम की धुन लग जावे
जब सेवा में व्यस्त रहूं,
तो जोड़े रहना तार

सतचित आनंद रूप का दर्शन
साधन से नहीं होगा
मेरे दिल में खुद आ जाना
जब में करूं पुकार

ऐसा भीगे तेरी याद में
कोई सुखा नहीं पाए
ब्रह्मानन्द में पूरे डूबे
बरसो मूसलधार

मेरी टेक लाज और जीवन
तेरी रहमत पर निर्भर है ........
अरजी पूरण हो जाए
मेरी हो जाए हार

पूजा जप तप भक्ति को फल
एक वरदान ही मांगु
किरपा दान दो दया दान दो
मॉंगू भुजा पसार

गुरु सेवा की पूंजी न संग
कैसे दर पे आऊं
बापू हमको अपना लो 
बोलें जय जय कार

No comments:

Post a Comment