जब से तू सत्संग में आने लगेगा


जब से तू सत्संग में आने लगेगा,
भक्ति और ज्ञान को बढ़ाने लगेगा
दुर्गुण भी तुझसे किनारा करेंगे,
सतगुण बढ़ेंगे सहारा बनेंगे
जीवन ये तेरा महकने लगेगा,
जब से तू सत्संग में आने लगेगा
जब से तू सत्संग में आने लगेगा......................

मन शुद्ध होगा और भाव शुद्ध होंगे,
पल-पल में सदगुरु के दर्शन भी होंगे
ध्यान नहीं करना फिर होने लगेगा,
जब से तू सत्संग में ..............
हरि हरि , हरि हरि , हरि हरि , हरि

दौलत की तुझको कमी ना रहेगी,
सदगुरु की रहमत से बरकत रहेगी
इन्द्र का आसन भी फीका लगेगा,
स्वर्ग का भोग भी फीका लगेगा
जब से तू सत्संग में आने लगेगा......................

सदगुरु के चरणों में श्रद्धा बढ़ेगी,
पश्चिम की नीति ना अच्छी लगेगी
अपना वतन सबसे प्यारा लगेगा,
जब से तू सत्संग में ..................
हरि हरि , हरि हरि , हरि हरि , हरि
राम राम , राम राम , राम राम , राम



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