विनती सुनिए नाथ हमारी

 विनती सुनिए नाथ हमारी 

ह्रदयेश्वर हरि हृदय विहारी

मोर मुकुट पीताम्बरधारी

विनती सुनिए नाथ हमारी ...


जनम जनम की लगी लगन है

साक्षी तारों भरा गगन हैं

गिन गिन श्वास श्वास कहती हैं

विनती सुनिए नाथ हमारी ...


सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन

हैं भव बाधा विपत्ति विमोचन

स्वागत का अधिकार दीजिए

शरणागत हैं नयन पुजारी

विनती सुनिए नाथ हमारी ...


और कहूँ क्या अंतर्यामी

तन मन धन प्राणों के स्वामी

करुणा कर आकर ये कहिए

स्वीकारी बिनती स्वीकारी

विनती सुनिए नाथ हमारी ...

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