ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी

 ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी 

परम गुरु और परमपिता परम दयालु स्वामी


सन १९४१ में आसूमल अवतारे

महँगीबा और थाऊमल के प्यारे बाल दुलारे

शुरू हो गई इस कलियुग में नए युग की कहानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


बाल्यकाल से ही बापू में अद्भुत तेज समाया था

प्राणीमात्र के कारण हेतू योगी पुरूष एक आया था

स्थापित होने वाली थी ये संतों की भविष्यवाणी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


मोहमाया के सभी आवरण बापू ने उतारे हैं

सदैव सम और प्रसन्न रहना बापू के ही नारे हैं

साधना की अनुपम मस्ती बापू ने पहचानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


परम पूज्य लीलाशाहजी के श्रीचरणों की सेवा में

आत्मसाक्षात्कार हो गया नाम आ गया देवों में

भारत विश्वगुरु बन जाए बापू ने ये ठानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...


साबरमती के तट बापू ने भक्तों से श्रमदान लिया

संत श्री आशारामजी आश्रम आगे चल के नाम हुआ

बापू के यश की गाथा को कैसे कहे जुबानी

ज्ञानी ब्रह्मज्ञानी ...

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