ॐ जय जय माता पिता

 ॐ जय जय मात पिता 

प्रभु गुरूजी मात पिता

सद्भाव देख तुम्हारा 

मस्तक झुक जाता

ॐ जय जय माता पिता 


कितने कष्ट उठाए

हमको जनम दिया

मैय्या पाला बड़ा किया

सुख देती दुःख सहती

पालनहारी माँ

ॐ जय जय माता पिता 


अनुशासित कर आपने

उन्नत हमें किया

पिता आपने जो हैं दिया

कैसे ऋण मैं चुकाऊँ

कुछ न समझ आता

ॐ जय जय माता पिता 


सर्वतीर्थमयी माता

सर्वदेवमय पिता

ॐ सर्वदेवमय पिता

जो कोई इनको पूजें

पूजित हो जाता

ॐ जय जय माता पिता 


मात पिता की पूजा

गणेशजी ने भी की

श्री गणेशजी ने भी की

सर्व प्रथम गणपति को

ही पूजा जाता

ॐ जय जय माता पिता


बलिहारी सद्गुरु की

मारग दिखा दिया

सच्चा मारग दिखा दिया

मातृ पितृ पूजन कर

जग जय जय गाता

ॐ जय जय माता पिता


मातृ पितृ गुरू की

आरती जो गाता

है प्रेम सहित गाता

वो संयमी हो जाता

सदाचारी हो जाता

भव से तर जाता

ॐ जय जय माता पिता


लफंगे लफ़ंगियों की नकल छोड़

गुरूसा संयमी होता

गणेशजी सा संयमी होता

स्वयं आत्मसुख पाता

औरों को पवाता

ॐ जय जय माता पिता


ॐ जय जय माता पिता 

प्रभु गुरूजी माता पिता

सद्भाव देख तुम्हारा 

मस्तक झुक जाता

ॐ जय जय माता पिता

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