सागर से भी गहरा

 सागर से भी गहरा बंदे 

गुरुदेव का प्यार हैं

देख लगाकर गोता एक बार

तेरा बेड़ा पार हैं

सागर से भी गहरा बंदे...


भवसागर में एक दिन तेरी

जीवन नैय्या डूबेगी

खेते खेते एक दिन तो

पतवार भी तेरी टूटेगी

जाएगा उस पार तू कैसे

चारों ओर अंधकार हैं

देख लगाकर गोता एक बार

तेरा बेड़ा पार हैं

सागर से भी गहरा बंदे...


सौंप दे नैय्या गुरुदेव को

वोही पार लगा देंगे

पैर पकड़ ले जाकर के तू

सोए भाग्य जगा देंगे

पापी से भी पापी को भी

करते ना इनकार हैं

देख लगाकर गोता एक बार

तेरा बेड़ा पार हैं

सागर से भी गहरा बंदे...


संत समागम हरि कथा भी

गुरू की कृपा से पाओगे

खुद आएँगे गोविंदा गर

गुरू का आशिष पाओगे

बंदे बिन गुरूकृपा के तेरी

जिंदगी बेकार हैं

देख लगाकर गोता एक बार

तेरा बेड़ा पार हैं

सागर से भी गहरा बंदे...


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